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पुरूष प्रजनन क्षमता बढ़ाने के उपाय

प्रजनन क्षमता क्या है?

इससे पहले हम पुरूष प्रजनन क्षमता बढ़ाने के उपाय के बारे में जानें। पहले ये जानना भी जरूरी है कि आखिर प्रजनन क्षमता क्या है? तो बता दें कि पुरूष व स्त्री के शारीरिक मिलन के बाद संतान पैदा करने की क्षमता को प्रजनन क्षमता कहते हैं। जब विवाह के लगभग एक साल के बाद भी शारीरिक संबंध के पश्चात स्त्री गर्भधारण नहीं कर पाती है, तो यह कमजोर प्रजनन क्षमता को दर्शाती है। वहीं जब पति-पत्नी गर्भधारण करने का प्रयास करें और इसमें सफल रहें, तो यह मजबूत प्रजनन क्षमता कहलाती है। सरल भाषा में कहें तो पुरूष की पिता बनने की क्षमता और महिला के गर्भवती होने की क्षमता को ही प्रजनन क्षमता कहते हैं।

पुरूष प्रजनन क्षमता बढ़ाने के उपाय

खराब जीवन शैली और बढ़ती उम्र में सिर्फ औरतों की ही प्रजनन क्षमता प्रभावित नहीं होती। बल्कि पुरूष भी इससे प्रभावित होते हैं। आज इस हिंदी लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे पुरुष प्रजनन क्षमता बढ़ाने के उपाय।

आपको बता दें कि शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाने से हमारी हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। लेकिन अगर आप विटामिन डी का सेवन करते हैं, तो इसकी मदद से कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है। जो हड्डियों की मजबूती के लिए बेहद आवश्यक होता है। इसके अलावा विटामिन डी से शारीरिक उत्तेजना को बढ़ाने वाले हार्मोन को भी बढ़ाया जा सकता है। इससे पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या भी बढ़ती है।

विटामिन डी के लिए आप सुबह-सुबह सूर्य की रोशनी प्राप्त करें। इसके अलावा अंडा, डेयरी उत्पाद, चिकन, मछलियां फैटी जैसे शेलमन, टूना विटामिन डी के प्रमुख स्रोत हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ओमेगा 3 फैटी एसिड पॉली अनसेचुरेटेड, वसा का एक रूप है। जो शरीर द्वारा निर्मित नहीं होती और यह अलग-अलग आहार से प्राप्त किया जा सकता है। यह पुरुषों में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में और गर्भपात के खतरे को कम करने में बहुत मददगार होता है। ?

ओमेगा-3 फैटी एसिड के शरीर में हार्मोन्स के निर्माण के साथ शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलती है। ओमेगा 3 जो तेलीय मछली जैसे शेलमन और अलसी के बीजों में पाया जाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड के अन्य स्रोतों में सूखे मेवों, मूंगफली, अलसी, सूरजमुखी, टोफू, गोभी, हरी बींस, ब्रोकली, सरसों के बीज, कनोडिया या सोयाबीन और स्प्राउट्स शामिल हैं। इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट जैसे कि विटामिन सी और विटामिन ई और कैरोटेनॉयड मुक्त कणों के कारण होने वाले नुकसान से कोशिकाओं की रक्षा में मदद करते हैं। एंटी ऑक्सीडेंट मानव निर्मित या प्राकृतिक पदार्थ होते हैं, जो कुछ प्रकार की कोशिका को क्षति होने से रोक सकते हैं।

प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले आहार

साथ ही पुरूषों को अपनी प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले आहार का सेवन करना चाहिए। अपने आहार में एंटी ऑक्सीडेंट शामिल करना चाहिए। एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार से न केवल आप अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकते हैं, बल्कि खुद को कई बीमारियों से दूर रख सकते हैं। एंटी ऑक्सीडेंट युक्त आहार में शामिल हैं ब्लैक बेरी, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, चेरी, सेब, अंगूर, नाशपाती, ब्रोकली, गोभी, अजवाइन, टमाटर, प्याज, ग्रीन टी और जैतून का तेल। इसे अलावा बता दें कि दूध उत्पादों के सेवन से ना केवल शारीरिक क्षमता में वृद्धि होती है। बल्कि प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी बहुत ज्यादा मदद मिलती है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा देने का भी काम करते हैं। इसके लिए आपको दुग्ध उत्पादों का सेवन करना चाहिए। आप अपने आहार में दूध, दही, केला, बटर पनीर और देसी घी को शामिल कर सकते हैं।

पिता बनने के लिए पुरूष स्पर्म कितना होना चाहिए?

निःसंतानता स्त्री और पुरूष दोनों के लिए अभिशाप की तरह होता है। संतानसुख से वंचित रहना दोनों को अंदर तक तोड़कर रख देता है। ऊपर से घर-परिवार व समाज के ताने अलग सहने पड़ते हैं। अगर कमी पुरूष में है यानी पुरूष निःसंतानता है, तो ये जानना जरूरी है कि पुरूष का स्पर्म कितना होना चाहिए, जिससे बच्चा ठहर सकता है। तो बता दें अधिकतर एक पुरूष में सामान्य तरीके से बच्चा पैदा करने के लिए प्रति एमएल लगभग 20 मिलियन स्पर्म का होना अति आवश्यक है। साथ ही शुक्राणु की गतिशीलता भी बेहतर होनी जरूरी है।

बच्चा पैदा करने के लिए पुरूष को क्या करना चाहिए?

जिन पुरुषों को विवाह किए 1 साल हो गया है या फिर उससे अधिक हो गया है। बच्चा पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हर बार असफल हो जाते हैं। तो इस हिंदी लेख में हम आपको बताएंगे बच्चा पैदा करने के लिए पुरुष को क्या करना चाहिए? 

यह तो आप जानते ही हैं संतान को जन्म देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका माता-पिता ही निभाते हैं। लेकिन कई बार पुरूषों को स्त्री को गर्भधारण कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डॉक्टरी जांच कराने पर अधिकतर यही रिपोर्ट सामने आती है कि शादी से पहले बुरी आदतों का ये परिणाम है। इसलिए वासनालिप्त जीवन विवाह के पूर्व नहीं जीना चाहिए। अधिक हस्तमैथुन नहीं करना चाहिए। हमेशा पोषणयुक्त आहार का सेवन करना चाहिए। हरी सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए। साथ व्यायाम और योग के लिए समय निकालना चाहिए। 

जानिए शुक्राणु कैसे बनते हैं

इसके अलावा किसी भी प्रकार के नशे की आदत नहीं पालनी चाहिए। जैसे कि शराब, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, तंबाकु आदि। यदि आप खानपान का ध्यान रखेंगे। बुरी आदतों से दूर रहेंगे। नशाखोरी से खुद को बचायेंगे। तो आप एक तेजस्वी, सुंदर और स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दे सकेंगे। सबसे खास बात कि महिलाओं में ओवुलेशन के समय का सही आंकलन रखना चाहिए। ताकि इस समय पर किये गये शारीरिक मिलन से महिला को गर्भधारण हो सके।

इसके अलावा समय-समय पर पुरूष अपनी डॉक्टरी जांच कराते रहे। उनके पूछें कि बच्चा नहीं हो रहा है, इसका उपाय बताइए। वे आपको उचित सलाह व इलाज देंगे। अगर बच्चा ना होने की वजह आपका निल शुक्राणु है। शुक्राणुओं की कमी है। स्पर्म की खराब क्वालिटी है, तो उसे ठीक करने में आपकी पूरी मदद करेंगे।

निल शुक्राणु बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा

अगर आप निल शुक्राणु बढ़ाने की दवा तलाश रहे हैं। चाहते हैं कि आपके स्पर्म की क्वालिटी बेहतर हो जाये। स्पर्म काउंट बढ़ जाये। तो आप एकदम सही हिंदी लेख को पढ़ रहे हैं। क्योंकि हम आपको बतायेंगे एक आयुर्वेदिक फॉर्मूला, जिसे एकदम शुद्ध प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से तैयार किया गया है। दरअसल ये निल शुक्राणु बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा है। जिसका नाम है ’फर्टिल एम’ (Fertil M)

ये आयुर्वेदिक औषधी कैप्सूल के रूप में आती है। जिसके सेवन से वीर्य में शुक्राणु बनना शुरू हो जाते हैं। शुक्राणु की गतिशीलता में वृद्धि होती है। वीर्य और शुक्राणु की गुणवत्ता बेहतर होती है। निल शुक्राणु का पूर्ण स्वस्थ इलाज करके आपके पिता बनने की संभावना को बढ़ाती है। हम आपसे ये कह सकते हैं कि सबसे अच्छी दवा शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए फर्टिल एम है। ऐसा इसलिए क्योंकि फर्टिल एम का सेवन करने से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। ये एक नेचुरल हर्बल प्रोड्क्ट है। सबसे खास बात आपकी निःसंतानता को दूर करने में मददगार है।