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थायराइड में चावल खाने चाहिए या नहीं?

अगर थायराइड की समस्या से पीड़ित हैं, तो क्या चावल खाना चाहिए या नहीं? पूरी जानकारी के लिए लेख पूरा पढ़ें।

लगभग हर भारतीय घरों में रोज ही चावल बनता है। फिर चाहे वो किसी भी रूप में हो। जैसे पुलाव, खिचड़ी, बिरयानी आदि। लेकिन क्या जानते हैं कि थायराइड की समस्या के समय चावल का सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। चावल खाने से शरीर में कैलोरीज की मात्रा बढ़ती है। जिसके कारण थायराइड के साथ-साथ ब्लड शुगर के लेवल में भी बढ़ोत्तरी होती है। जो लोग पहले से इन गंभीर रोगों से ग्रस्त हैं, उनके लिए चावल का ज्यादा सेवन सही नहीं है। फिर भी अगर रोज चावल खाते हैं, तो इससे वजन जरूरत से ज्यादा बढ़ने लगेगा। मोटापे का शिकार हो जायेंगे। जिसके चलते शरीर कई बीमारियों का घर बन सकता है।

इस हिंदी लेख में हम मिलकर ये जानने का प्रयास करेंगे कि क्या थायराइड के मरीजों को चावल खाना चाहिए?
अगर खाना भी चाहिए, तो किन सावधानियों और बातों को ध्यान में रखना होगा?

क्या थायराइड होने पर चावल खाना चाहिए?

जी नहीं! अगर थायराइड है, तो इस स्थिति में चावल से परहेज करना चाहिए। अगर चावल खाना ही चाहते हैं, तो सफेद चावल के स्थान पर ब्राउन राइस खा सकते हैं। हमने देखा है कि बहुत से थायराइड के मरीज, बड़े चाव से चावल खाते हैं। बिना अपनी सेहत की परवाह किए। जोकि सही नहीं है। एक्सपर्ट भी यही सलाह देते हैं कि थायराइड में चावल नहीं खाना चाहिए।
दरअसल राइस में ग्लूटेन नामक प्रोटीन मौजूद होता है, जो थायराइड के दौरान हेल्थ के लिए हार्मफुल हो सकता है। ग्लूटेन नामक जो ये प्रोटीन होता है, ये हमारे शरीर में एंटीबॉडीज को कम कर देता है। ग्लूटेन की वजह से थायरॉक्सनि हार्मोन के इर्रेगुलर (अनियमित) होने की प्रॉब्लम भी होती है।

थायराइड में हानिकारक क्यों है चावल है?

चावल खाने के बाद ये शरीर में जल्दी से पच जाता है, क्योंकि इसमें स्टार्च की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए भी जल्दी और ज्यादा भूख लगती है।

अगर थायराइड की बीमारी के शिकार हैं, तो चावल को अपनी डाइट से बाहर करें। चावल में फैट की मात्रा ज्यादा होती है, जबकि रोटी में कम।

राइस खाने से मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने की संभावना बढ़ जाती है। जिसके चलते बॉडी में थायराइड के साथ-साथ टाइप 2 डायबिटीज और स्ट्रोक खतरा भी बढ़ जाता है।

अगर काफी लंबे समय तक चावल का सेवन करेंगे, तो इसे वेट भी गेन होगा, जिसकी वजह से ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर के बढ़ने की भी संभावना बनी रह सकती है।

इन सावधानियों के साथ करें थायराइड में चावल का सेवन

अगर थायराइड की समस्या से जूझ रहे हैं या थायराइड के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। लेकिन थायराइड के दौरान चावल खाने का भी शौक रखते हैं। तो इन सावधानियों को बरतने की जरूरत है। जैसे कि सफेल चावल की बजाए, ब्राउन रासइ खायें। सीधे तौर पर चावल ना खाकर प्लेन जीरा राइस या सब्जियों के साथ मिलाकर बना हुआ पुलाव खा सकते हैं। इससे होगा कि सब्जियों के साथ मिलाकर बना हुआ पुलाव जब खायेंगे, तो इससे चावल की कम मात्रा आ ले सकेंगे। लेकिन सब्जियों की मात्रा ज्यादा शरीर में जायेगी। जिसके कारण फाइबर भी अच्छी मात्रा में शरीर में जायेगा।

अगर चावल को सादे रूप में खा रहे हैं, तो साथ में छोले, मटर या राजमा ले सकते हैं। चावल का सादा खाने के बजाए, प्रोटीन युक्त सब्जियों के साथ सेवन करेंगे, तो बेहतर है। एक काम और कर सकते हैं । जब चावल को पकाएं, तो उसमें एक चम्मच नारियल का तेल मिला दें। इसके बाद इसे फ्रीज में रख दें और ठंडा होने पर खायें। इस तरीके से चावल खाने से चावल का मांड बॉडी के अंदर फाइबर का काम करेगा और उसकी कैलोरीज भी कम हो जायेगी।

अगर थायराइड के रोगी हैं, तो डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें। वे डाइट और दिनचर्या के बारे में बतायेंगे। एक बढ़िया डाइट चार्ट तैयार करेंगे।

थायराइड की आयुर्वेदिक मेडिसिन कौन सी लें?

आयुर्वेदिक कंपनी सूरज हर्बल्स द्वारा बनाई गई आयुर्वेदिक मेडिसिन ‘थायोरिड’ (ThyoRid) को सेवन करें। ये मेडिसिन कैप्सूल के फॉम में आते हैं, जिन्हें शुद्ध जड़ी-बूटियों के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इसलिए इस दवा के नियमित सेवन से बिना कोई साइड इफेट के थायराइड की समस्या में आराम मिलता है। थायराइड ठीक होता है। जिन लोगों का यह सवाल होता है कि थायराइड की गोली कब लेनी चाहिए? या थायराइड की गोली ज्यादा खाने से क्या होता है? तो बता दें कि थायराइड के लक्षणों तुरन्त डॉक्टर की सलाह से थायराइड की गोली लेनी चाहिए। बाकी रहा दूसरा सवाल का जवाब, थायराइड की गोली ज्यादा खाने से क्या होता है? तो जब डॉक्टर द्वारा लिखी दवाईयों, डेली रूटीन को फॉलो करते हैं। तो दोबारा टेस्ट करवाने पर डॉक्टर स्वास्थ्य कंडीशन को देखकर खुद बता देते हैं कि दवाईयों से फायदा हो रहा है या नहीं। दवाईयों के सूट ना होने पर दवाईयों को चेंज भी कर सकते हैं।

क्या थायराइड की दवा जीवन भर खानी पड़ती है?

थायराइड के दो टाइप होते है। पहला – हाइपोथायराइड और दूसरा – हाइपरथायराइड। अगर पहले टाइप यानी हाइपोथायराइड की बात करें, तो इसके इलाज के लिए दवाईयों की मदद ली जाती है। दवाईयों के जरिए थायराइड के मरीज की बॉडी को जरूरी हार्मोन मिलते हैं। हाइपोथायराइड के लक्षण नजर आने पर, अक्सर कुछ मरीजों को जीवन भर भी दवा का सेवन करना पड़ सकता है। ध्यान रखें क्वालीफाइड डॉक्टर द्वारा लिखी गई थायराइड की दवा का ही इस्तेमाल करें। खुद से या किसी अन्य की सलाह पर बिना डॉक्टरी जाँच के थायराइड की मेडिसिन का सेवन ना करें। ऐसा करने से थायराइड की दवा के नुकसान भी अपने शरीर पर झेलना पड़ सकता है।